Sunday 13 November 2011

न घबराएं दुर्भाग्य से, करें यह टोटका

कभी-कभी न चाहते हुए भी जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। भाग्य साथ ही नहीं देता है, बल्कि दुर्भाग्य निरन्तर पीछा करता रहता है। दुर्भाग्य से बचने के लिए या दुर्भाग्य नाश के लिए यहां एक अनुभूत टोटका बता रहे हैं। इसका बिना शंका के मन से पूर्ण आस्था के साथ करने से दुर्भाग्य का नाश होकर सौभाग्य वृद्धि होती है। 

टोटका

- एक रोटी लें। इस रोटी को अपने ऊपर से 31 बार ऊसार लें। प्रत्येक बार वारते समय इस मन्त्र का उच्चारण भी करें-

 मंत्र- ऊँ दुभाग्यनाशिनी दुं दुर्गाय नम:।

- बाद में रोटी कुत्ते को खिला दें अथवा बहते पानी में बहा दें।

- यह अद्भुत प्रयोग है। इसके बाद आप देखेंगे कि किस्मत के दरवाजे आपके लिए खुल गए हैं। बिना शंका के इस प्रयोग को मन से करने से शीघ्र लाभ होता है।

Sunday 23 October 2011

दीपावली- धन प्राप्ति के लिए अचूक लक्ष्मी मंत्र

इस दीपावली(26 अक्टूबर, बुधवार) यदि आप महालक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो यहां एक अचूक मंत्र दिया जा रहा है, जो कि देवी लक्ष्मी को अति प्रिय है। धन प्राप्ति के लिए लक्ष्मी कृपा प्राप्त करना अति आवश्यक है। महालक्ष्मी की प्रसन्नता के बिना कोई भी धन प्राप्त नहीं कर सकता। दीपावली पर इस मंत्र का जप विधि-विधान से करें, वर्षभर आपको धन की कोई कमी नहीं होगी।



महालक्ष्मी मंत्र

ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:।



जप विधि

- इस मंत्र को दीपावली की रात कुंकुम या अष्टगंध से थाली पर लिखें। 

- महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के बाद इस मंत्र के 1800 या जितना आप कर सकें जप करें।

- इसके प्रभाव से आपको वर्षभर अपार धन-दौलत प्राप्त होगी। ध्यान रहे मंत्र जप के दौरान पूर्णत: धार्मिक आचरण रखें। मंत्र के संबंध में कोई शंका मन में ना लाएं अन्यथा मंत्र निष्फल हो जाएगा।

हनुमान जयंती 25 को करें यह टोटका, हर मनोकामना पूरी करेंगे हनुमान

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी(इस बार 25 अक्टूबर) को हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती का पर्व मंगलवार को होने से विशेष शुभ योग बन रहा है। यदि आपकी कोई मनोकामना लंबे समय से पूरी नहीं हो रही है तो इस शुभ योग पर नीचे लिखा टोटका करें। इस टोटके से हनुमानजी सपने में आकर साधक को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं। यह अनुष्ठान 81 दिन है।

विधि

हनुमान जयंती के दिन सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। अब एक लोटा जल लेकर हनुमानजी के मंदिर में जाएं और उस जल से हनुमानजी की मूर्ति को स्नान कराएं। पहले दिन एक दाना उड़द का हनुमानजी के सिर पर रखकर ग्यारह परिक्रमा करें और मन ही मन अपनी मनोकामना हनुमानजी के सामने कहें और वह उड़द का दाना लेकर घर लौट आएं तथा उसे अलग रख दें।

दूसरे दिन से एक-एक उड़द का दाना रोज बढ़ाते रहें व यही प्रक्रिया करते रहें।

41 दिन 41 दाने रखकर बाद में 42 वें दिन से एक-एक दाना कम करते रहें। जैसे 42 दिन 40, 43 वें दिन 39 और 81 वें दिन 1 दाना। 81 दिन का यह अनुष्ठान पूर्ण होने पर उसी दिन रात में श्रीहनुमानजी स्वप्न में दर्शन देकर साधक को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं। इस पूरी विधि के दौरान जितने भी उड़द के दाने आपने हनुमानजी को चढ़ाएं हो उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें। 

धनतेरस: इस यंत्र के पूजन से मिलेगी दुनिया की हर खुशी

कौन नहीं चाहता कि उसके पास अथाह धन-संपत्ति हो। उसे दुनिया के सारे ऐशो-आराम मिले। कभी किसी चीज की कमी न हो। अगर आप भी यही चाहते हैं तो इस चमत्कारी यंत्र के माध्यम से आपका यह सपना पूरा हो सकता है। यह चमत्कारी यंत्र है कुबेर यंत्र। स्वर्ण लाभ, रत्न लाभ, गड़े हुए धन का लाभ एवं पैतृक सम्पत्ति का लाभ चाहने वाले लोगों के लिए कुबेर यंत्र अत्यन्त सफलता दायक है। इस यंत्र के प्रभाव से अनेक मार्गों से धन आने लगता है एवं धन संचय भी होने लगता है। इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा होती है। धनतेरस(24 अक्टूबर, सोमवार) को इस यंत्र की स्थापना कर इसका पूजन करें।


यंत्र का उपयोग

विल्व-वृक्ष के नीचे बैठकर इस यंत्र को सामने रखकर कुबेर मंत्र को शुद्धता पूर्वक जप करने से यंत्र सिद्ध होता है तथा यंत्र सिद्ध होने के पश्चात इसे गल्ले या  तिजोरी में स्थापित किया जाता है। इसके स्थापना के पश्चात् दरिद्रता का नाश होकर, प्रचुर धन व यश की प्राप्ति होती है।



मंत्र

ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन्य धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि में देहित दापय स्वाहा

Saturday 1 October 2011

रविवार को स्कंदमाता व कात्यायनी के इन मंत्रों से करें पूजा...


इस बार नवरात्रि की पंचमी व षष्ठी तिथि एक साथ यानी 2 अक्टूबर, रविवार को होने के कारण इन दोनों तिथि को प्रमुख देवियों की पूजा इसी दिन की जाएगी।शास्त्रों के अनुसार पंचमी तिथि की देवी स्कंदमाता व षष्ठी तिथि की देवी कात्यायनी हैं। इनके ध्यान मंत्र क्रमश: इस प्रकार हैं-

स्कंदमाता का ध्यान मंत्र

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चितकरद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

अर्थात: मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप का नाम स्कंदमाता है। इनकी चार भुजाएं हैं। दाहिनी तरफ  की ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में हैं। दाहिने तरफ की नीची वाली भुजा में कमलपुष्प है। बाएं तरफ  की ऊपर वाली भुजा वरमुद्रा तथा नीचे वाली भुजा में भी कमलपुष्प है।



देवी कात्यायनी का ध्यान मंत्र

चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूलावरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवद्यातिनी।।

अर्थात: मां दुर्गा के छठें स्वरूप का नाम कात्यायनी हैं। इनका स्वरूप बहुत वैभवशाली, दिव्य और भव्य है। देवी कात्यायनी का वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं। माताजी की दाहिनी ओर ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है।

Tuesday 27 September 2011

आपकी राशि के अनुसार कौन सी माता का पूजन कैसे करें

28 सितंबर से मां दुर्गा की भक्ति का पर्व प्रारंभ हो रहा है। अत: इन खास दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार जानिए आपको क्या-क्या करना चाहिए...

मेष:इस राशि के लोगों को स्कंद माता की विशेष उपासना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। स्कंदमाता करुणामयी हैं, जो वात्सल्यता का भाव रखती हैं।

वृषभ:वृषभ राशि के लोगों को महागौरी स्वरूप की उपासना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। ललिता सहस्र नाम का पाठ करें। जन-कल्याणकारी हंै। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।

मिथुन:इस राशि के लोगों को देवी-यंत्र स्थापित कर ब्रह्मचारिणी की उपासना करनी चाहिए। साथ ही तारा कवच का रोज पाठ करें। मां ब्रह्मचारिणी ज्ञान प्रदाता, विद्या के अवरोध दूर करती हैं।

कर्क:कर्क राशि के लोगों को शैलपुत्री की पूजा-उपासना करनी चाहिए। लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करें। भगवती की वरद मुद्रा अभय दान प्रदान करती हैं।

सिंह:सिंह राशि के लिए मां कूष्मांडा की साधना विशेष फल करने वाली है। दुर्गा मंत्रों का जाप करें। ऐसा माना जाता है कि देवी मां के हास्य मात्र से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। देवी बलि प्रिया हैं, अत: साधक नवरात्र की चतुर्थी को आसुरी प्रवृत्तियों यानि बुराइयों का बलिदान देवी चरणों में निवेदित करते हैं।

कन्या:इस राशि के लोगों को ब्रह्मचारिणी का पूजन करना चाहिए। लक्ष्मी मंत्रों का साविधि जाप किया करें। ज्ञान प्रदान करती हुई विद्या मार्ग के अवरोधों को दूर करती हैं। विद्यार्थियों हेतु देवी की साधना फलदायी है।

तुला: तुला राशि के लोगों को  महागौरी की पूजा-आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें। जन-कल्याणकारी हैं। अविवाहित कन्याओं को आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।

वृश्चिक:वृश्चिक राशि के लोगों को स्कंदमाता की उपासना श्रेष्ठ फल प्रदान करती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। वात्सल्य भाव रखती हैं।

धनु: इस राशिवालों को चंद्रघंटा की उपासना करें। संबंधित मंत्रों का यथाविधि अनुष्ठान करें। घंटा प्रतीक है उस ब्रह्मनाद का, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है।

मकर:मकर राशि के जातकों के लिए कालरात्रि की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। नर्वाण मंत्र का जाप करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोप, अग्निकांड आदि का शमन करती हैं। शत्रु संहारक हैं।

कुंभ: कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए कालरात्रि की उपासना लाभदायक। देवी कवच का पाठ करें। अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोपों का शमन करती हैं। शत्रु संहारक।

मीन: मीन राशि के लोगों को चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। हरिद्रा की माला से यथासंभव बगलामुखी मंत्र का जाप करें। घंटा उस ब्रह्मनाद का प्रतीक है, जो साधक के भय एवं विघ्नों को अपनी ध्वनि से समूल नष्ट कर देता है। 

नवरात्रि: घट स्थापना की विधि व शुभ मुहूर्त

माता दुर्गा की आराधना का पवित्र पर्व नवरात्रि का प्रारंभ 28 सितंबर, बुधवार से हो रहा है। पहले दिन माता दुर्गा की प्रतिमा तथा घट की स्थापना की जाती है। इसके बाद ही नवरात्रि उत्सव का प्रारंभ होता है। माता दुर्गा व घट स्थापना की विधि तथा शुभ मुहूर्त का वर्णन इस प्रकार है-

पवित्र स्थान की मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं बोएं। फिर उनके ऊपर अपनी शक्ति के अनुसार बनवाए गए सोने, तांबे अथवा मिट्टी के कलश की विधिपूर्वक स्थापित करें। कलश के ऊपर सोना, चांदी, तांबा, मिट्टी, पत्थर या चित्रमयी मूर्ति की प्रतिष्ठा करें।

मूर्ति यदि कच्ची मिट्टी, कागज या सिंदूर आदि से बनी हो और स्नानादि से उसमें विकृति आने की संभावना हो तो उसके ऊपर शीशा लगा दें। मूर्ति न हो तो कलश के पीछे स्वस्तिक और उसके दोनों कोनों में बनाकर दुर्गाजी का चित्र पुस्तक तथा शालग्राम को विराजित कर भगवान विष्णु का पूजन करें। पूजन सात्विक हो, राजस या तामसिक नहीं, इस बात का विशेष ध्यान रखें।

नवरात्रि व्रत के आरंभ में स्वस्तिक वाचन-शांतिपाठ करके संकल्प करें और सर्वप्रथम भगवान श्रीगणेश की पूजा कर मातृका, लोकपाल, नवग्रह व वरुण का सविधि पूजन करें। फिर मुख्य मूर्ति का षोडशोपचार पूजन करें। दुर्गादेवी की आराधना-अनुष्ठान में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का पूजन तथा मार्कण्डेयपुराणान्तर्गत निहित श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ नौ दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए।



घट स्थापना के शुभ मुहूर्त



सुबह  09:46 से दोपहर 12:00 बजे तक स्थिर लग्र वृश्चिक

सुबह 11:15 से दोपहर 12:37 तक शुभ

शाम  04:43 से 06:05 तक लाभ तथा 05:27 तक स्थिर लग्र में

शाम 07:43 से रात्रि 09:21 तक शुभ,  08:37 से स्थिर लग्र में

Monday 26 September 2011

दीपावली पर सिद्ध करें सम्रद्धिदायक मन्त्र

वर्तमान समय में जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता धन है। धन न हो तो जीवन का आनंद ही नहीं आता। ऐसे अनेक लोग होते हैं जो जीवन भर धन प्राप्त करने के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी उनकी हर इच्छा पूरी नहीं होती। अगर आप चाहते हैं कि आपके पास धन की कोई कमी न हो तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान के अनुसार जप करें।



मंत्र

ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं दारिद्रय विनाशके जगत्प्रसूत्यै नम:।।



जप विधि

1- दीपावली/अक्षय तृतीया या अन्य किसी शुभ मुहूर्त के दिन यह प्रयोग प्रारंभ करें।

2- इसके बाद प्रतिदिन अपनी इच्छानुसार इस मंत्र का जप करें।

3- जप के लिए कमलगट्टे की माला का उपयोग करें।

4- माला जपते समय सामने देवी लक्ष्मी का चित्र तथा शुद्ध घी का दीपक जलते रहना चाहिए।

5- 12 लाख मंत्र जप होने पर यह मंत्र सिद्ध हो जाता है।

Sunday 11 September 2011

गणेश चतुर्थी पर करें यह उपाय, दूर होगा कर्ज

- भाद्रपद माह की चतुर्थी से शुरु कर चतुर्दशी तक या किसी भी माह के बुधवार और चतुर्थी को यह उपाय श्रेष्ठ होता है।

- स्नान कर सफेद कपड़े पहनकर पूर्व दिशा में मुंह बैठे।

- सामने लकड़ी की चौकी पर सफे द कपड़ा बिछाकर उस पर अक्षत यानि चावल पर आंकड़े के गणपित यानि श्वेतार्क गणपति की स्थापना करे।

- गणपति की कुंकुम, चावल व मोली से पूजा करें व धूप-दीप करें। साथ गणपति को सिंदूर जरुर चढ़ाएं।

- इसके बाद मूंगे की माला से नीचे लिख मंत्र की 5 माला जप करें।



ऊँ नमो विघ्नहराय गं गणपतये नम: 



पूजा के बाद आंकड़े के गणपति और मूंगे की माला लाल कपड़े की पोटली में बांध गणपति मंदिर में गणेश जी के चरणों में रखकर घर लौटें।

यह उपाय कर्ज यानि लोन से जुड़ी तमाम परेशानियां तो दूर होती है, साथ ही आर्थिक तंगी और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है।

Tuesday 6 September 2011

Lalkitab remidies

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Friday 2 September 2011

पितृदोष और उसके उपाय

ये पितृदोष को दूर करने का एक बढिया उपाय है यह एक बार की ही पूजा है,और यह पूजा किसी भी प्रकार के पितृदोष को दूर करती है। सोमवती अमावस्या को (जिस अमावस्या को सोमवार हो) पास के पीपल के पेड के पास जाइये,उस पीपल के पेड को एक जनेऊ दीजिये और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिये,पीपल के पेड की और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये,और एक सौ आठ परिक्रमा उस पीपल के पेड की दीजिये,हर परिक्रमा के बाद एक मिठाई जो भी आपके स्वच्छ रूप से हो पीपल को अर्पित कीजिये। परिक्रमा करते वक्त :ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करते जाइये। परिक्रमा पूरी करने के बाद फ़िर से पीपल के पेड और भगवान विष्णु के लिये प्रार्थना कीजिये और जो भी जाने अन्जाने में अपराध हुये है उनके लिये क्षमा मांगिये। सोमवती अमावस्या की पूजा से बहुत जल्दी ही उत्तम फ़लों की प्राप्ति होने लगती है। 
एक और उपाय है कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाये गये लड्डू हर शनिवार को दीजिये। पितर दोष किसी भी प्रकार की सिद्धि को नहीं आने देता है। सफ़लता कोशों दूर रहती है और व्यक्ति केवल भटकाव की तरफ़ ही जाता रहता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति माता काली का उपासक है तो किसी भी प्रकार का दोष उसकी जिन्दगी से दूर रहता है। लेकिन पितर जो कि व्यक्ति की अनदेखी के कारण या अधिक आधुनिकता के प्रभाव के कारण पिशाच योनि मे चले जाते है,वे देखी रहते है,उनके दुखी रहने का कारण मुख्य यह माना जाता है कि उनके ही खून के होनहार उन्हे भूल गये है और उनकी उनके ही खून के द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है। पितर दोष हर व्यक्ति को परेशान कर सकता है इसलिये निवारण बहुत जरूरी है।


आने वाली सोमवती अमावस्यायें

23rd Jan. 2012
15th October 2012
11th March 2013.
8th July 2013
2nd December 2013
25th August 2014
22nd December 2014



Thursday 1 September 2011

टेढ़े गुरु के बुरे असर से बचाएंगे राशि अनुसार ये उपाय..

30 अगस्त को दोपहर से गुरु अपनी सीधी चाल बदल कर टेढ़ी चाल पर आ गया है।जिसे गुरु का वक्री होना भी कहा जाता है  फलस्वरूप विभिन्न राशियों  पर अलग अलग प्रभाव होगा 
 वक्री गुरु के उल्टे असर से बचने के लिए और सामान्य फल को शुभ बनाने के लिए राशि अनुसार उपाय करें। राशि अनुसार उपाय करने से आप पर गुरु का अशुभ असर कम हो जाएगा साथ ही अगर आपके लिए गुरु अच्छा फल देने वाला है तो आपके सभी काम पूरे होने लगेंगे।



गुरु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ये उपाय करें-

मेष- 43 दिनों तक प्रतिदिन एक तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित करें। चमत्कारिक परिणाम प्राप्त होंगे।

वृष- पीला रूमाल सदैव अपने पास रखें।

मिथुन- प्रतिदिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें।

कर्क- घर में पीले रंग के फूल का पौधा लगाएं।

सिंह- प्रतिदिन विष्णु मंदिर जाएं और ब्राह्मण या अन्य किसी जरूरत मंद को धन का दान करें।

कन्या- गुरुवार का व्रत रखें।

तुला- भगवान विष्णु को गुड़-चने की दाल का प्रसाद अर्पित करें।

वृश्चिक- घी, दही, आलू और कपूर का दान करें।

धनु - किसी मन्दिर के पूजारी को भोजन कराएं।

मकर - पीली गाय को घास खिलाएं।

कुंभ - हल्दी एवं पीले चंदन से भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें।

मीन- केसर का तिलक लगाएं।

आपकी सभी समस्यओं का समाधान श्रीगणेश प्रश्नावली यंत्र

कृपया PAGE SECTION में देखें 
शीघ्र रामचरितमानस की राम शलाका प्रकाशित होगी देखतें रहें!

आपका अपना
सेवक 

Wednesday 31 August 2011

गणेश चतुर्थी: करें यह साधारण टोटका और पाएं गणेश जी की कृपा

आंकड़े के पौधे में भगवान गणेश का वास माना जाता है। इसलिए इसकी जड़ बहुत ही शुभ फल देने वाली मानी जाती है। खासतौर पर धन लाभ की दृष्टि से यह बहुत प्रभावी मानी गई है। अनेक तंत्र क्रियाओं में आंकड़े की जड़ का उपयोग होता है।

आंकड़े की जड़ को जलाएं। उसकी राख बना लें।  आंकड़े की इस भस्म से परिवार के हर सदस्य को टीका लगाएं। माना जाता है कि यह आंकड़े की भस्म का तिलक घर-परिवार में अपार धन लाभ देता है। जब भी आप आर्थिक तंगी से ज्यादा परेशान हो। इस भस्म का तिलक लगाएं।

इस तरह आंकड़े की जड़ बहुत ही शुभ और पवित्र मानी जाती है। यह श्री यानि सुख-समृद्धि देती है, जिससे जीवन में असुरक्षा का भाव मिटता है और ईश्वर में आस्था बढ़ती है।

Tuesday 30 August 2011

नौकरी पाने का अचूक उपाय 
शनिवार के दिन शनि महाराज की पहले विधिपूर्वक पूजा करें इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 1008 बार जप करें। पूर्ण रूप से अपने मन को एकाग्र कर श्रद्धापूर्वक जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाएगा।

मंत्र

ओं नम: भगवती पद्मावती ऋद्धि-सिद्धि दायिनी

दु:ख-दारिद्रय हारिणी श्रीं श्रीं ऊँ नम:

कामाक्षय ह्रीं ह्रीं फट् स्वाहा।

अब जब भी आप नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाएं तो पहले 11 बार इस मंत्र का जप कर लें। यदि रास्ते में कोई गाय नजर आ जाए तो उसे आटा-गुड़ खिला कर जाएं।


Monday 29 August 2011

अपने धर्म पर चलो सबसे प्रेम करो


दिल की बीमारी खत्म कर सकता है यह तांत्रिक उपाय

वर्तमान समय में सबसे अधिक लोग दिल की बीमारी(ह्रदय रोग) से परेशान हैं। इस रोग के कारण कई लोग असमय ही काल के ग्रास बन जाते हैं। वैसे तो चिकित्सा जगत ने इन रोगों पर काफी हद तक काबू पा लिया है लेकिन यदि उपचार के साथ-साथ कुछ साधारण तांत्रिक उपाय किए जाएं तो ह्रदय रोग शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं। यह उपाय इस प्रकार हैं-
1- रोज सुबह श्रीआदित्य ह्रदयस्त्रोत का पाठ करें। सूर्य यंत्र का निर्माण करके तीन माला रोज नीचे लिखे सूर्य मंत्र का जप करें। ऐसा करने से ह्रदय रोग में काफी लाभ होगा।
  ऊँ घृणि: सूर्याय नम:


2- एक पानी से भरा तांबे के बर्तन लें। उसमें रात को पंचमुखी रुद्राक्ष डाल दें तथा सुबह खाली पेट बर्तन में भरा पानी पीएं। यह उपाय भी काफी कारगर है।
3-  ह्रदय रोगी यदि पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करें तो भी काफी फायदेमंद होता है। रुद्राक्ष इस प्रकार धारण करें कि वह ह्रदय के पास रहे।

मनोकामना पूर्ति के अचूक गुप्त उपाय

अपनी मनोकामना पूरी करने कके लिए आप निम्न उपाय प्रोग कर सकते हैं


- तुलसी के पौधे को प्रतिदिन जल चढ़ाएं तथा गाय के घी का दीपक लगाएं।

- रविवार को पुष्य नक्षत्र में श्वेत आक की जड़ लाकर उससे श्रीगणेश की प्रतिमा बनाएं फिर उन्हें खीर का भोग लगाएं। लाल कनेर के फूल तथा चंदन आदि के उनकी पूजा करें। तत्पश्चात गणेशजी के बीज मंत्र (ऊँ गं) के अंत में नम: शब्द जोड़कर 108 बार जप करें।

- सुबह गौरी-शंकर रुद्राक्ष शिवजी के मंदिर में चढ़ाएं।

- सुबह बेल पत्र (बिल्ब) पर सफेद चंदन की बिंदी लगाकर मनोरथ बोलकर शिवलिंग पर अर्पित करें।

- बड़ के पत्ते पर मनोकामना लिखकर बहते जल में प्रवाहित करने से भी मनोरथ पूर्ति होती है। मनोकामना किसी भी भाषा में लिख सकते हैं।

- नए सूती लाल कपड़े में जटावाला नारियल बांधकर बहते जल में प्रवाहित करने से भी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
इन प्रयोगों को करने से आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी हो जाएंगी। 

गुरु बनाएगा बिगड़े काम

गुरु यानि भगवान ब्रहस्पति के उपाय 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु यानी बृहस्पति ग्रह शिक्षा का कारक होता है।  जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में होता है वह उच्च शिक्षित होता है और जिसकी कुंडली में गुरु अशुभ होता है उसकी शिक्षा में बहुत बाधाएं आती हैं। इसके अलावा उसे जीवन भर मानसिक चिंता, आर्थिक हानि तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी रहती हैं। यदि आपकी कुंडली में भी गुरु अशुभ है तो नीचे लिखे उपाय करें वह आप के नीच के गुरु को शांत करके आप की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेंगे:-
 गुरुवार के दिन केले के दो पौधे विष्णु भगवान के मंदिर में लगाएं।
२.  गुरुवार के दिन साबूत मूंग मंदिर में दान करें
३. 12 वर्ष से छोटी कन्याओं के चरण स्पर्श करके उनसे आशीर्वाद लें।
४.  भोजन में केसर का प्रयोग करें 
५.  शुभ मुहूर्त में चांदी का बर्तन अपने घर की भूमि में दबाएं और साधु संतों का अपमान नहीं करें।
६.  जिस पलंग पर आप सोते हैं, उसके चारों कोनों में सोने की कील अथवा सोने का तार लगाएं।
७.पीपल के वृक्ष की पूजा करें।

ये कुछ उपाय करने से व्यक्ति के गुरु के दोष दूर होंगे और जीवन मैं स्म्रधि होगी